About Durgatinashini Kamakhya Dham

उत्तर प्रदेश कि राजधानी लखनऊ के ट्रांसगोमती क्षेत्र के सरस्वती पुरम में स्थापित ” माँ कामाख्या धाम ” पूरे देश में माँ कामाख्या का दूसरा ऐसा धाम है जहा दूर दूर से आने वाले भक्तो कि मनो वांछित कामनाये दर्शन मात्र से पूरी होती है वंही उनके सभी मनोशारीरिक कष्ट भी दूर होते है| इस धाम में नवरात्री में देश के कोने कोने से आने वाले भक्तो की भीड़ यह बताती है कि वास्तव में यह धाम अतुलनीय है जहा माँ काली और काल भैरव व हनुमान जी तीनो उग्र शक्तियों कि स्थापना जो कि एक गुम्बद के नीचे पूरे विश्व में दुर्लभ है और इस धाम में गड्पति देव भगवान भोले नाथ व माँ पार्वती जी की भव्य मूर्ति स्थापित है और दरवार में माँ भगवती लक्ष्मी जी,काली जी ,सरस्वती जी त्रिगुणात्मक शक्ति के रूप में स्थापित है| रजोगुणी-तमोगुणी ,सतोगुणी शक्तिया होने से इस धाम की महिमा अपरंपार है…
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Swami Ishananand Saraswati ji Maharaj

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के ग्राम – सडेली में जन्मे स्वामी ईशाना नन्द सरस्वती जी महराज को बचपन में ही संत का जीवन ब्यतीत कर रहे अपने नाना के यहाँ साधू संतो कि संगत मिली और इस सात्विक माहौल में बचपन ब्यतीत कर रहे स्वामी जी का मन बाल्य अवस्था में ही सामाजिकता से हट कर ईश्वर के प्रति प्रेम व खोज कि ओर अग्रशर हो चला| आगे चल कर निरंतर स्वामी जी का मन माँ के ध्यान व दीन दुखियो के प्रति आसक्ति में लगा रहता था| फिर माँ कि कृपा की  प्राप्ति हेतु किसी श्रेष्ठ गुरु कि खोज में देश दुनिया का भ्रमण करते हुए उन्हें लखनऊ खीच लायी और वर्षो तक लखनऊ के भैसाकुंड शमशान में शाधना करने के बाद स्वामी जी श्रेष्ठ गुरु कि खोज में पुनः देश विदेश का भ्रमण करते रहे परन्तु उन्हें संतुस्टी नहीं मिली, गुरु तो हर गली में मिल जाते है परन्तु सतगुरु का मिलना… read more >>

Kamakhya Peeth

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषणगिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। कामाख्या, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है। कामाख्या पीठ भारत का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो असम प्रदेश में है। कामाख्या देवी का मन्दिर पहाड़ी पर है, अनुमानत: एक मील ऊँची इस पहाड़ी को नील पर्वत भी कहते हैं। इस प्रदेश का प्रचलित नाम कामरूप है। प्राचीन काल से सतयुगीन तीर्थ कामाख्या वर्तमान में तंत्र-सिद्धि का सर्वोच्च स्थल है। पूर्वोत्तर के मुख्य द्वार कहे जाने वाले असम की नयी राजधानी दिसपुर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलांचल पर्वतमालाओं पर स्थित माँ भगवती कामाख्या का सिद्ध शक्तिपीठ सती के इक्यावन शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान रखता है। यहाँ भगवती की महामुद्रा (योनि-कुंड) स्थित है। लोग माता…
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Daily Events

Temple door open for devotees.

  • 6:00 AM To 12:00 PM
  • 4:00 PM To 10:00 PM

To meet Swami Ishana nand mahraj

  • 9:00 AM To 12:00 PM Daily
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Mantra Jaap

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